Sunday, December 31, 2006

लोहे क स्वाद

“शब्द किस तरह
कविता बनते हैं
इसे देखो
अक्षरों के बीच घिरे हुए
आदमी को पढ़ो
क्या तुमने सुना कि
यह लोहे की आवाज है ,
या मिट्टी में गिरे हुए खून का रंग।"
लोहे क स्वाद लोहार से मत पूछो
उस घोड़े से पूछो
जिसके मुँह में लगाम लगी है।